गोरक्षासन कैसे करें ? गोरक्षासन के लाभ क्या-क्या हैं ?
■ गोरक्षासन :-
विधि:- 1. दोनों पैरों की एड़ी तथा पंजे आपस में मिलाकर सामने रखिये ।
2.अब सीवनी नाड़ी को एड़ियों पर रखते हुए उस पर बैठ जाइये ।दोनों घुटन भूमि पर टीके हुए हों । हांथों को ज्ञानमुद्रा की स्थिति में घुटनें पर रखें ।
लाभ:-
1.मांस पशियों में रक्त संचार ठीक रूप से होकर वे स्वास्थ्य होती है।
2.मूलबंध को स्वाभाविक रूप से लगाने और ब्रम्हचर्य कायम रखने में यह आसान सहायक है ।इंद्रियों की चंचलता समाप्त कर मन में शांति प्रदान करता है । इसलिए इसका नाम गोरक्षासन है।
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